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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाईपर) - अहमदाबाद

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प्रो. शैलेंद्र सराफ,

निदेशक

प्रो. शैलेन्द्र सराफ, फार्मेसी वृत्तिक व्यक्तित्व जो फार्मेसी शिक्षा एवं अनुसंधान की प्रोन्नति हेतु सक्रिय रुप से समर्पित है। इन्होंने अपने स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की उपाधि को डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) के औषध विज्ञान विभाग में शिक्षा ग्रहण कर क्रमश: वर्ष 1986, 1988 एवं 1993 में प्राप्त किया। इन्होंने वर्ष 1995 से 2002 तक बी.आर.एन. कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मंदसौर, म.प्र. में एक प्रोफेसर और प्रिंसिपल के रुप में सेवा किया, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छ.ग. (पीआरएसयू) में विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में निदेशक और संकायाध्यक्ष (डीन), प्रौधोगिकी संकाय (7वें सेवाकाल तक) के रुप में सेवारत रहे। इन्होंने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में समस्त वैधानिक पदों के साथ-साथ फार्मेसी अध्ययन बोर्ड के अध्यक्ष के रुप में भी सेवा किया, इसके साथ ही कार्यकारिणी परिषद के सदस्य (4 सेवाकाल तक) भी रहे।

इन्होंने, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग, छत्तीसगढ़, एक राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय, में एक कुलपति के रुप में भी सेवा किया। भारतीय भेषजीय परिषद (पीसीआई) के साथ 16 वर्षों से अधिक समय तक जुड़े रहे एवं वर्ष 2016 से 2021 तक पीसीआई के उपाध्यक्ष के पदभार को संभाला।

अपने सेवाकाल के दौरान वह विभिन्न राष्ट्रीय वैधानिक, नियामक एवं प्रमाणन निकायों जैसे: पीसीआई, एआईसीटीई, यूजीसी, डीएसटी, एनएएसी, एनबीए अदि से जुड़े रहे। इन्होंने एसोसिएशन ऑफ फार्मास्युटिकल टिचर्स ऑफ इंडिया (एपीटीआई), भारतीय फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (आईपीए), इंडियन सोसाइटी ऑफ फर्माकॉग्नासी (आईएसपी), इंडियन एसोसिएशन ऑफ कॉलेज ऑफ फार्मेसी (आईएसीपी), एसियन एसोसिएशन ऑफ कॉलेज ऑफ फार्मेसी (एएएसपी), इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन (आईएससीए) एवं इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (आईएसटीई) जैसे विभिन्न वृत्तिक निकायों के माध्यम से विभिन्न क्षमताओं सहित फार्मेसी व्यवसाय में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह एसीपीई, यूएसए (2021-2025) के अंतर्राष्ट्रीय आयोग के सदस्य के रुप में भी सेवारत है।

इन्होंने एक शोधकर्ता के रुप में हर्बल प्रौद्योगिकी, औषधीय पादप अनुसंधान तथा एनडीडीएस के क्षेत्र में कार्य किया एवं यूजीसी, एआईसीटीई, एमपीसीओएसटी, सीजीसीओएसटी, डीएसटी जैसे विभिन्न वाह्य अनुसंधान निधीयन एजेंसियों द्वारा सहयोजित विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है। वह यूजीसी-एसएपी, एआईसीटीई-एमओडीआरओबी, डीएसटी-एफआईएसटी तथा डीएसटी सहयोजित प्राकृतिक संसाधन राष्ट्रीय केन्द्र जैसे विभिन्न संस्थानिक परियोजनाओं को स्थापित एवं कार्यान्वित कर रहे है। पीआरएसयू, विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में निदेशक के रुप में इनके सेवाकाल के दौरान पीआरएसयू के सर्वश्रेष्ठ विभागों में से एक (एनआईआरएफ रैंकिंग 48-2018) एवं फार्मास्युटिकल विज्ञान में अनुसंधान हेतु राष्ट्रीय स्तर के केन्द्र के रुप में मान्यता दी गई।

इन्होंने 15 शोधार्थियों को उनके पीएच.डी उपाधि हेतु पर्यवेक्षित किया एवं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पीयर समीक्षित पत्रिकाओं में 200 से अधिक शोध/समीक्षा पत्रों को प्रकाशित किया, 7 पुस्तके/अध्याय लिखे और 10 पेटेंट फाइल किया। स्कोपस में इनके 5300+ उद्धरण एवं 34 एच-इंडेक्स उपलब्ध है।

इन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं के विभिन्न संपादकीय बोर्ड के समीक्षक और सदस्य के रुप में भी सेवा किया एवं कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं में अध्यक्ष, संसाधन व्यक्ति एवं मुख्य वक्ता के रुप में कार्य किया है। इन्होंने यूएसए, यूके, स्विटजरलैंड, सिंगापुर, युएई, नेपाल, मलेशिया एवं मॉरीशस आदि जैसे देशों में विभिन्न क्षमताओं पर यात्रा की है।

इनके अनुकरणीय कार्यों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है: इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गनाइजेशनल साइकोलॉजिकल मेडिसिन के अध्येता, यूएसए-अस्ट्रेलिया-यूके, 2019; डॉ. के. आर. पारिख अवार्ड, आईएएसटीएएम,आईएसटीएएम, भारत, 2019; प्लेटिनम जुबली लेक्चर अवार्ड, इंडियन साइंस कांग्रेस, 105 आईएससी, इम्फाल, 2018, मेरिट ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड, आईएसपी, 2018, लाइफटाइम एचिवमेंट अवार्ड, फार्मा रत्न अवार्ड, आरडीएम, नई दिल्ली, वर्ष 2017 में एपीटीआई में इनके योगदानों हेतु प्रदान स्व. श्रीमती कमला बेन ववियो मेमोरियल अवार्ड, फार्मा रत्न अकादमिक प्रशासनिक अवार्ड 2017, नई दिल्ली 2017, आईपीए-अध्येतावृत्ति अवार्ड, इंडियन फर्मास्यूटिकल सोसाइटी, 2016, प्रिंसिपल ऑफ द यर, एपीटीआई, 2016, डायमंड जुबली इलस्ट्रीयस अल्युम्नी अवार्ड, डॉ. एच. एस. गौढ़ यूनिवर्सिटी,2016, गोल्डेन जुबली इलस्ट्रीयस अल्युम्नी अवार्ड, डॉ. एस. एस. गौढ़ यूनिवर्सिटी 2006, पीडी सेठ्ठी सर्वश्रेष्ठ पेपर अवार्ड, पीडी सेठ्ठी वार्षिक अवार्ड 2010, सर्वश्रेष्ठ पेपर अवार्ड, एपीटीआई, एपीटीआई, 2008, सर्वश्रेष्ठ पेपर अवार्ड, आईपीए, आईपीसी, हैदराबाद,2005कुछेक उल्लेख हेतु।

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